VISION / दृष्टिकोण
हर बच्चे को बचपन जी ने का , बचपन सवा रने का अधिकार है, किसी का भी बचपन सड़क पर, चौराहों पर, बाजारों में भीख मांग कर या मजदूरी करके व्यर्थ ना हो ।
बच्चे में विशेष प्रतिभा , गुण हो ते है, अगर उनको सही वातावरण मिले तो अच्छा व्यक्तित्व निखारा जा सकता है। जब तक एक भी बच्चा भीख मांगने को विवश
है तब तक सारी उन्नति , सारी प्रगति अधूरी है।
इनके अभिभावकों को प्रेरित करके, भविष्य के जीवन मूल्यों साझा कर इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। बच्चों को उनकी रूचि अनुरूप, स्वच्छ सुरक्षित एवं योजनात्मक तरीके से अगर परीक्षण दिया जाए तो उन्हें शिक्षा से जोड़ा जा सकता है। इसी दृष्टिकोण के साथ भीख नहीं किताबें दो ” अभियान में आगे बढ़ रहे है।
MISSION / अभियान
“भीख नहीं किताबें दो ” यह एक अभियान है- जो हर भीख मांगने, कूड़ा उठा ने, मजदूरी करने वाले बच्चों को शिक्षा
से जोड़ने के लिए है। इस अभियान में बच्चों को ऐसा वातावरण दिया जाता है जिसमें सामान्य बच्चों की तरह स्कूल
जाने लायक बने और पढ़कर अपना जीवन सुधार सके। इसके लिए शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक
एवं अध्यात्मिक सहयोग व सुरक्षा प्रदान की जाती है।
बच्चों को उज्जवल जीवन प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है- बच्चों को सफाई रखने ,गाली गलौज छोड़ने, अच्छा व्यवहार करने, बड़ों का सम्मान करने, नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। जीवन में आत्मसम्मान और आत्मनिर्भर का होना कितना आवश्यक है ये सभी बच्चों को सिखाया जाता है। समाज के मुख्य धारा से जुड़कर समाज में आपसी तालमेल और सामाजिक रीति -रिवाजों के बारे में बहुत गहनता से बच्चों को बताया जाता है। साथ ही समाज के प्रति अपने कर्तव्य जिम्मेदारियों से भी बच्चों को अवगत करवाया जाता है।
VALUE / मूल्य
“भीख नहीं किताबे दो ” संगठन अपने कुछ विशेष मूल्यों के साथ प्रारंभ से ही कार्यरत है।
- पहला किसी भी वित्तीय सहायता के लिए, संस्था का कोई भी सदस्य किसी से आग्रह नहीं करेगा । संस्था सदस्य अपनी सामर्थ्य अनुसार सहयोग करेगी व् कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से सहयोग कर सकता है।
- संस्था सदस्य या संस्था से जुड़ा कोई भी व्यक्ति , झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों से, बच्चों से घृणा या भेदभाव भावना ना हो या ऐसा कोई व्यवहार नहीं करेंगे जिससे उनमें ही नता या छोटेपन की भावना आये।
- कोई भी सहायता सामग्री या खाद्य पदार्थ सीधे बच्चों को इस प्रकार से ना दिया जाए जिससे उनकी भावनाओं को कोई ठेस पहुंचे।
- बच्चों के सामने कोई केस स्टडी (CASE STUDY), उनके कोई पुराने अनुभव या ऐसे इतिहास पर चर्चा ना हो जिससे वो अपने आप को नीचा समझे। उदाहरण के तौर पर “ये बच्चे पहले भीख मांगते थे , यह बेचारे झुग्गी के गरीब बच्चे हैं, इनके मां-बाप कूड़ा बीनते हैं या यह बच्चे पहले घर में सब सफाई का काम करते थे” इस तरह के शब्दों का प्रयोग बच्चों के सामने ना किया जाये।
- सभी बच्चों के समान दृष्टि से देखना ।
- किसी भी आँकलन में बच्चों में भेदभाव ना हो ।
- हर स्तर पर सभी प्रकार से बच्चों के लिए शारीरिक, मानसिक व सामाजिक तौर पर सुरक्षा वातावरण।
अभियान की शुरुआत
अभियान की शुरुआत
2013 में एक बच्चा मिट्ठू जो रोज बस स्टैंड पर भीख मांगता था , उसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया और उसके परिवार के बारे में जानकारी ली । बहुत बार समझाने के बाद बच्चा भीख मांगना छोड़कर पढ़ने के लिए तैयार हुआ। बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाया और शिक्षा से संबंधित सभी वस्तुएं बच्चों को दिला ई और मिट्ठू की माँ को भी वही काम दिलवाया ।
2014 में आईजी अनिल राव जी ने हमें बुलाया और कहा कि मैं भी अभियान से जुड़ कर सहायता करना चाहता हूँ, तो मैं क्या मदद कर सकता हूँ। हमने उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए एक स्थान उपलब्ध करवाने को आग्रह किया । हिसार टाउन पार्क के नजदीक स्थित शहीदी स्मारक में उन्होंने हमें बच्चों पढ़ाने की अनुमति दी ।
2015 में मटका चौक और डाबड़ा चौक के बच्चे भी स्मारक पर पढ़ने आते थे, इन बच्चों का दाखिला स्कूल में कराकर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाता और इनका समय - समय में फॉलो अप लिया जाता था ।
2016 में संस्था द्वारा शहर की सभी झुग्गियों में सर्वेक्षण किया गया , जिसमें झुग्गियों में बच्चो की कुल संख्या का पता लगाया जा सके और कितने बच्चे स्कूल जाते है और कितने बच्चे स्कूल नही जाते, जो स्कूल नही जाते वे क्या करते है।
2017 में संस्था द्वारा झुग्गियों में रहने वाले सभी बच्चों की स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया शुरू की गई और लगभग 250 बच्चों के आधार कार्ड बनवा कर उनके सरकारी स्कूल में दाखिले करवाए गए, सभी बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, स्टेशनरी उपलब्ध करवाई गई।
2018 में संस्था सदस्यों (लाल बहादुर खोवाल़ जी और ओपी कोहली ) और ग्राम पंचायत तलवंडी राणा के सहयोग से बच्चों के लिए छात्रावास बनाया गया जो पंचायत की गुजर धर्मशाला में स्थित है। यहाँ शुरुआत में झुग्गियों के 11 बच्चों को रखा गया और उनके खाने पीने, रहने, खेलकूद, पढ़ाई लिखाई की सभी व्यवस्था की गई।
2019 में संस्था द्वारा शहर की सभी झुग्गियों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें खेलो व अन्य गतिविधियों में आगे लेकर आया गया , बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें कार्यक्रमों में लेकर जाया गया ।
2020 कोरोना के समय संस्था द्वारा सभी झुग्गियों में राशन, भोजन की व्यवस्था की गई। लगभग 15000 लोगों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित किया गया और झुग्गी में रहने वाले सभी लोगों को लगभग 45 दोनों तक समय - समय पर भोजन और कच्चा राशन, दूध, साबुन सर्फ, व अन्य दैनिक वस्तुएं वितरित की गई।
2021 हिसार शहर में भीख मांगने वाले सभी बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाया जा चुका था ,ऑनलाइन क्लास शुरू करने के लिए लगभग 10 बच्चों को मोबाइल और टेब वितरित किए गए। हिसार शहर के अलावा , अग्रोहा , आदमपुर, बरवाला , फतेहाबाद, हांसी , फरीदाबाद, जींद, अंबाला में "भीख नही किताब दो " अभियान की शुरुआत की गई।
2022 में संस्था द्वारा शहर की सभी झुग्गियों में नशा मुक्ति अभियान शुरू किया गया और लगभग 66 नशा करने वाले बच्चे रेस्क्यू किए गए। उनका इलाज सिविल हॉस्पिटल के नशा मुक्ति विभाग में करवाया गया ।
2023 में "भीख नहीं किताब दो " संस्था द्वारा बच्चों के लिए नए छात्रावास का निर्माण कार्य शुरू किया गया जिसमें लगभग 100 बच्चों के रहने की व्यवस्था की जाएगी । छात्रावास में कंप्यूटर लैब और लाइब्रेरी की व्यवस्था भी बच्चों के लिए की जाएगी ।
संस्था की गतिविधियाँ
पाठशाला – भीख वाले बच्चों की काउंसलिंग और मोटिवेशनल गतिविधियों के लिए संस्था द्वारा पुलिस प्रशासन के सहयोग से शहीदी स्मारक नजदीक मॉडल टाउन पार्क, हिसार में पाठशाला लगाई जाती है जिसमें इन बच्चों को स्कूल जाने के प्रेरित किया जाता है। इसके लिए संस्था द्वारा एक ट्रेनिंग प्रोग्राम डिजाइन किया गया है जिसमें बच्चों को गाली गलौज, झगड़ा ,नशा , चोरी , भीख मांगना छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। उसको अनुशासन, साफ सफाई व् उच्च व्यवहार सिखाया जाता है।
प्रेरणा – समय-समय पर संस्था द्वारा सिग्नल, चौराहों , बाजार में जाकर भीख मांगने मांग रहे बच्चों को भीख न मांगने के लिए प्रेरित किया जाता है और उनके अभिभावकों से मिलकर उन्हें समझाया जाता है ताकि बच्चे से भीख न मगवाये और बच्चों का दाखिला स्कूल में करवाएं ।
नशा मुक्ति अभियान – संस्था द्वारा समय-समय पर झुग्गियों में नशा मुक्ति अभियान चलाया जाता है नशा करने वाले बच्चों का उपचार करवा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाता है बच्चों के अभिभावकों को भी जागरूक किया जाता है और नशे के दुष्परिणाम के बारे में विस्तार से बताया जाता ।
सफाई अभियान – संस्था द्वारा बच्चों के साथ समय-समय पर सफाई अभियान चलाया जाता है और बच्चों को सफाई का महत्व बताया जाता है।
जन्न्मदिन उत्त्सव – संस्था द्वारा बच्चों का सामूहिक जन्मदिन स्वामी विवेकानंद जयंती पर मनाया जाता है। झुग्गियों में लगभग सभी ऐसे बच्चे हैं जिन्हें अपना जन्मदिन याद नहीं और ना ही उनके माता -पिता को याद होता है इसलिए बच्चों का सामूहिक जन्मदिन मनाया जाता है। संस्था सदस्य व संस्था से जुड़े हुए सभी लोग अपना जन्मदिन बच्चों के साथ मनाते है ।
जयंती समारोह – संस्था द्वारा सभी महापुरुषों की जयंती भी बच्चों के साथ मनाई जाती है, कबीर साहिब जी , रविदास जी , नानक जी , गुरुगोविंद जी , भीमराव अंबेडकर जी , लाल बहादुर शास्त्री जी , महात्मा गांधी , भगत सिंह जी , चंद्रशेखर आजाद जी , रानी लक्ष्मीबाई जी , सावित्रीबाई फूले जी व अन्य सभी महापुरुषों की जयंती बच्चों के साथ मना कर उन्हें उनके जीवन के विषय में महत्वपूर्ण बातें बताई जाती है।
दिवाली दिल से – संस्था बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सभी त्यौहार बच्चों के साथ बनाती है ताकि बच्चे समाज की रीति -रिवाजों और त्योहारों के बारे में जा न सके। “दिवाली दिल से” संस्था द्वारा बहुत उत्साह से मनाया जाता है। इस त्यौहार पर बच्चे और उनके अभिभावक मुख्य रूप से उपस्थित होते हैं और उन्हें मिठाई, नए कपड़े व अन्य वस्तुओं भेंट स्वरूप दी जाती है। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोग भी शामिल होते हैं और बच्चों को आशीर्वाद देते हैं। बच्चों द्वारा सांस्कृति क कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं तिरंगा यात्रा – संस्था द्वारा बच्चों के समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाए जाते हैं ताकि बच्चे अपनी रूचि के अनुसार कार्यक्रम में
भाग ले और अपनी प्रतिभा को निखार सके साथ ही संस्था द्वारा
तिरंगा यात्रा स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस बहुत उत्साह से मनाया
जाता है और बच्चों को इनकी विशेषता बताई जाती है ।
तीज उत्त्सव और रक्षाबंधन – बच्चों के साथ तेज और रक्षा बंधन का त्यौहार बहुत हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है। बच्चे बहुत खुशी और प्रेम से त्यौहार मनाते हैं उन्हें त्योहारों के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।
खेल एवं ड्राइंग प्रतियोगिता – संस्था द्वारा बच्चों में आत्मविश्वास और हौसला बढ़ाने के लिए समय-समय पर खेल एवं ड्रॉइंग जैसे अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को शिक्षण सामग्री उपहार स्वरूप देकर हौसला बढ़ाया जाता है।
मेडिकल उपचार – संस्था द्वारा झुग्गियों में रहने वाले लोगों के बीमार होने पर उनका उपचार करवाया जाता है और उन्हें स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया जाता है।
आओ खेले होली– हो ली का त्यौ हा र बहुत धूमधा म से मना या जा ता है,
हैबच्चे संस्था सदस्यों और परि वा र संग हो ली खेलकर बहुत आनंद में झूमते है।
स्कूल विजिट एवं शिक्षा सामग्री वितरण – संस्था सदस्य द्वारा बच्चों के स्कूल में जाकर अध्यापकों से बातचीत कर बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानकारी ली जाती है। बच्चे को पढ़ाई से संबंधित आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाती है जैसे वर्दी , स्कूल बैग, किताबें, कॉपियां ,यां जूते जुराब व अन्य स्टेशनरी । बच्चों की पीटीएम में भी संस्था सदस्य हिस्सा लेते हैं और बच्चों की शिक्षा को लेकर गहनता से चर्चा करते है।
छात्रावास में बच्चों और टीम सदस्स्य द्वारा किया गया पौधारोपण – पौधारोपण — संस्था द्वारा मिलकर छात्रा वा सप्रांगण में बच्चों और टीम सदस्य पौधारोपण करते हैं और बच्चों को पौधारोपण से खेती बाड़ी से संबंधित गतिविधियां करवाई जाती है और उन सभी पौधों का विशेष ध्यान रखते हैं। पिछले 5 वर्ष से छात्रावास में 1000 पौधे संस्था द्वारा लगाए गए हैं जिनकी नियमित रूप से देखभाल की जाती है और पौधों की बहुत तेजी से ग्रोथ हो रही है।
स्कूल विजिट एवं शिक्षा सामग्री वितरण – संस्था सदस्य द्वारा बच्चों के स्कूल में जाकर अध्यापकों से बातचीत कर बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानकारी ली जाती है। बच्चे को पढ़ाई से संबंधित आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाती है जैसे वर्दी , स्कूल बैग, किताबें, कॉपियां ,यां जूते जुराब व अन्य स्टेशनरी । बच्चों की पीटीएम में भी संस्था सदस्य हिस्सा लेते हैं और बच्चों की शिक्षा को लेकर गहनता से चर्चा करते है।
छात्रावास में बच्चों और टीम सदस्स्य द्वारा किया गया पौधारोपण –
पौधारोपण — संस्था द्वारा मिलकर छात्रावास प्रांगण में बच्चों और टीम सदस्य पौधारोपण करते हैं और बच्चों को पौधारोपण से खेती बाड़ी से संबंधित गतिविधियां करवाई जाती है और उन सभी पौधों का विशेष ध्यान रखते हैं। पिछले 5 वर्ष से छात्रावास में 1000 पौधे संस्था द्वारा लगाए गए हैं जिनकी नियमित रूप से देखभाल की जाती है और पौधों की बहुत तेजी से ग्रोथ हो रही है।
गौपालन — बच्चों के लिए पोस्टिक आहार को ध्यान में रखते हुए उन्हें दूध और दूध से निर्मित बनी अन्य वस्तुओं की उपयोगिता के लिए संस्था द्वारा छात्रावास प्रांगण में एक गाय भी रखी गई है जिसका दूध बच्चों के लिए उपयोग किया जाता है साथ ही बच्चों में अच्छे संस्कार आए इस उद्देश्य से बच्चों को सेवा करना भी सिखाया जाता है।
योगा क्लास – बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए संस्था द्वारा नियमित रूप से योग क्लास लगाई जाती है जो सभी बच्चों को योग से जुड़े हुए रखती है।
संस्था सम्मान – समाज में अच्छा कार्य करने और झुग्गियों में बच्चों के उत्थान करने के लिए संस्था को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया ।
कोविड-19 मे संस्था द्वारा झुग्गियों में सहयोग
कोरोना महामारी के समय लॉक डाउन लगने से सबसे पहले झुग्गियों के लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था । झुग्गियों में लोगों का राशन खत्म हो गया और घर से बाहर नहीं निकला जा रहा था तब यह सूचना जैसे ही संस्था के पास आई तभी संस्था के सदस्यों द्वारा राशन की थैलियां बना कर हर झुग्गियों में पहुंचाई गई। कोरोना के समय झुग्गियों में राशन, सैनिटाइजर, मास्क व अन्य वस्तुएं वितरित की गई। वैक्सीन आने पर संस्था द्वारा सभी झुग्गियों के लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
सांस्कृतिक गतिविधियां
बच्चों की प्रतिभा सवारने के लिए संस्था द्वारा समय-समय पर डांस, ड्राइंग और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते है जिसमें बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते है।
बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए झुग्गियों में प्रेरणा दायक कार्यक्रम किए जाते है जिसमें समाज के प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित किया जाता है, जो बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा के लिए और समाज की मुख्य धारा से जुड़कर जीवन को सही ढंग से जीने के लिए प्रेरित करते है
संस्था द्वारा बच्चों के लिए गर्मियों / सर्दियों की छुट्टियों में समर / विंटर कैंप का आयोजन किया जाता है जहाँ बच्चों की सांस्कृतिक गतिविधियां , योगा , डांस, खेल, ड्राइंग, क्विज प्रतियोगिता व ध्यान का आयोजन किया जाता है। यहाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है और बच्चों को इतिहासिक जगहों का भ्रमण भी करवाया जाता है। हिसार, अग्रोहा , वृंदावन, मथुरा , हरिद्वार, ऋषिकेश इत्यादि जगहों पर बच्चे भ्रमण कर चुके है।
संस्था द्वारा स्वाभिमान अध्ययन केन्द्र और छात्रावास निर्माण कार्य को शुरुआत के लिए झुग्गियों में और तलवंडी राणा गांव में एक रुपया एक ईंट अभियान चलाया गया ताकि सभी इन पावन और नेक कार्य की शुरुआत में सभी का आशीर्वाद और सहयोग मिले। शहर की सभी झुग्गियों के लोग और गांव के लगभग सभी लोग इस अभियान से जुड़े और सभी ने इस अभियान की सराहना करते हुए बहुत आशीर्वाद और सहयोग दिया ।
संस्था द्वारा शहर में पदयात्रा निकाली गई जिसमें लोगों को बच्चों को भीख न देने के लिए प्रेरित किया गया । बच्चों को भीख में पैसे देना भी भिक्षवृती को बढ़ावा देना है इसलिए बच्चों को भीख न देकर उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करते है।
संस्था द्वारा प्रति मा ह साप्ताहिक सर्च अभियान चलाया जाता है जिसमे भीख मांगने वाले बच्चो की खोज कर उन्हे भीख मांगना छोड़ कर शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जाता है।
केस स्टडी और सर्वे
संस्था का बच्चों पर व्यष्टि अध्ययन
- रोहन अभी 10th क्लास में पढ़ रहा है जो संस्था की शुरुआत में बस स्टैंड पर भीख मांगता था । आज यह बच्चा आईएएस बनने के सपना के लिए हुए खूब मेहनत और लगन से पढ़ाई में
लगा हुआ है। संस्था द्वारा इसे छात्रावास में रखकर सभी सुविधाएं दी जा रही है। - कामना 12th क्लास में पढ़ रही है। 10th में कामना के 99% मार्क्स आए बच्चे की मेहनत
रंग लाई कामना , 3rd क्लास से संस्था के संपर्क में है जो सेक्टर 16 की झुग्गियों में रहती है उसकी माता जी घरों में साफ़ सफाई करती है और पिताजी मजदूरी करता है। संस्था द्वारा
कामना के लिए स्कूल की यूनिफार्म, किताबे, स्टेशनरी , साइकिल, सोलर बैटरी व अन्य वस्तुओं की व्यवस्था की गई है। - हर्ष बहुत होनहार बच्चा है जो अभी 10th क्लास में है और संस्था छात्रावास में रहता है।
सेक्टर 14 की झुग्गियों में रहने वाला हर्ष भविष्य में आर्मी ऑफिसर बनने का सपना देखकर अपने सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत कर रहा है। संस्था का प्रयास है हर्ष को सभी सुविधाएं देकर उसके भविष्य को उज्जवल बनाएं ।
जीना है स्वाभिमान से
संस्था द्वारा झुग्गियों में रहने वाले उन लोगों को स्वाभिमान से जीने के लिए प्रेरित किया जाता है जो भीख मांग कर अपना गुजारा चलाते है। उनके संस्था द्वारा कुछ प्रयास किए गए है।
Case Study:-
- ज्योति और भारती जो जिंदल चौक और पुष्पा काम्प्लेक्स में भीख मांगती थी , उन्हे प्रेरित किया गया और संस्था सदस्यो द्वारा मिलकर उनके लिए मूंगफली की स्टॉल लगवाई गई।
- पप्पू सिंह जो कब्बाड बिनने और भीख मांगने का कार्य करते थे, उन्हे प्रेरित कर सभी के सहयोग से जूस की स्टॉल लगवाई गई और उनका प्रचार किया गया और उन्हें इस कार्य में सफलता भी मिली ।